नदी सूख रही है अपनी बढ़ती उम्र की छोटी-बड़ी परेशानियों को वहन करती हुई नदी सूख रही है नदी सूख रही है अपनी बढ़ती उम्र की छोटी-बड़ी परेशानियों को वहन करती हुई नदी सूख रही...
किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी। किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी।
सारी उदासियों को धता बताकर मैंने भी मन ही मन ठान लिया है, मुझे भी जिंदा रहना है इसी सारी उदासियों को धता बताकर मैंने भी मन ही मन ठान लिया है, मुझे भी जिंदा रह...
बचाओ अपनी धरोहर गंगा को। बचाओ अपनी धरोहर गंगा को।
किसने कब क्या बोला है किसने कब क्या बोला है
डॉ अशोक गोयल डॉ अशोक गोयल